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चीन का चुरोग मंगल की सतह पर पानी तलाशने पहुंचा.

अंतरिक्ष की दौड़ में चीन ने बहोत बड़ी कामयाबी हासिल की है करीब दस महीने की काफी लंबी यात्रा के बाद चीन के रोवर चुराेग ने शनिवार को मंगल की सतह पर सफलता पूर्वक लैंड किया इसमें कैमरा , राडार, और भी बहोत से उपकरण लगे हुए है इस चुरोग की मदद से चीन के वैज्ञानिक मंगल पर पानी की तलाश करेंगे। 

दुनिया का दूसरा देश बना चीन ।
 इससे पहले 1976 में अमेरिका लाल ग्रह की सतह पर यान उतरने में कामयाब रहा था अब चीन ऐसा करने वाला। दूसरा देश बन गया है 

 चीन ने युद्ध के देवता पर अपने रोवर का नाम रखा।

चीन ने अपने रोवर का चुरोग को सात महीने पहले मंगलयान के लिए प्रेच्छेपित किया था इस रोवर का नाम चीन के पौराणिक अग्नि और युद्ध के देवता के नाम पर चूरोग नाम को रखा।

इस रोवर में छह पहिए लगे हुए है।

रोवर एक छोटा अंतरिक्ष रोबोट होता है जिनमे पहिए लगे
होते है चुरोग छह पहिए वाला रोवर है यह मंगल के यूटोपिया प्लेनेशिया समतल तक पहुंचा जो मंगल के उत्तरी गोलार्ध का हिस्सा है इस रोवर में एक प्रोटेक्टिव कैप्सूल और एक पैराशूट , रॉकेट प्लेटफार्म का इस्तेमाल किया गया हैं

चुरोग मंगल की सतह पर उतरने वाला अब तक का सबसे भारी यान।
28 मई 1971 को तत्कालीन सोवियत संघ का मार्स 3 लैंडर लाल ग्रह की सतह पर उतरने वाला दुनिया का पहला यान था

2 दिसंबर 1971 को सॉफ्ट लैंडिंग में पाई सफलता 

अमेरिका के वाइकिंग 1 यान ने रचा था इतिहास 20 अगस्त 1975 को मंगल के सफर पर निकला वाइकिंग 20 जुलाई 1976 को मंगल की सतह पर रखा था कदम।
1210 किलोग्राम था लैंडर का वजन ऑर्बिटर का वजन 3440 किलोग्राम वजन था।

572 किलोग्राम वजन था लैंडर का और 883 किलोग्राम ऑर्बिटर का वजन ।

चीन का चुरोग 13 वैज्ञानिक उपकरणों से लैस है 
5 टन वजन का चुरोग मंगल की सतह पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला सबसे भारी यान है और यह 13 वैज्ञानिक उपकरणों से लैस है।

यह चुरोग 7 महीने की अंतरिक्ष यात्रा करने के बाद लाल ग्रह पर पहुंचा तियानवेंन 1 

3 महीने तक ऑर्बिट की परिक्रमा करता रहा और 9 मिनट रहे बहोत ही चुनौतीपूर्ण ।

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