पता होगा कि कैसे आप कोरोना वायरस से बच सकते हैं और आजकल जो भी सामने से भी जो मिलता है किसी का फोन नहीं आता है तो हर व्यक्ति के साथ तैयार है और सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं और जो आपको बताते हैं कि कब क्या करना है आप कह सकते हैं कि हर व्यक्ति आजकल अपनी जेब में एक नया नुस्खा लेकर घूम रहा है और जो लोग खुद को संक्रमण से बचाना चाहते हैं इस तरह के दावों पर आसानी से यकीन कर लेते हैं क्योंकि वह सोचते हैं कि नुस्खा कैसा भी हो आजमाने में क्या जाता है किसी का इस समय न जाने कितने नुस्खे आजमाए जा रहे है इतनी सारी चीजें हर रोज लोग खा रहे हैं कितनी सारी नई दवाइयां कितने सारे सप्लीमेंट्स लोग खा रहे हैं यह सोच कर जिसने जो बता दिया आप खा लेते हैं क्योंकि आपको किसी न किसी तरीके से बचना है इसका नतीजा यह होता है कि बाजार में उसी चीज की मांग बढ़ जाती है और जब किसी चीज की मांग बढ़ती है तो उसकी आपूर्ति और कीमतें दोनों पर असर पड़ता है या नहीं वह चीज महंगी होने लगती है और उसका ज्यादा फायदा भी कई बार नहीं होता है और आप लगातार यह सोचते होंगे आप कोई भी चीज ले लीजिए जैसे आजकल आप ऑक्सीमीटर की बात चल रही है हमें तो लोगो ने जैसे ही इसके बारे में जाना ऑक्सीमीटर दाम बढ़ने शुरू हो गए हमारे देश में जिस दवाई के बारे में जाना कि इस दवाई को खाने से आराम मिलता है उस दवाइयों के दाम बढ़ने लगे कालाबाजारी होने लगी तो यह आपको अपने समाज को भी समझने का एक आपके लिए बहुत अच्छा मौका है कि मुसीबत की घड़ी में सरकारों को तो छोड़ दीजिए सरकारों को तो सब लोग गाली देते हैं और ठीक है हम सब की चॉइस है कि हम सरकार के बारे में क्या कहना चाहते हैं लेकिन हमारा समाज क्या काम कर रहा हैं और कुछ लोग अच्छा काम भी कर रहे है वो लोगो की मदद कर रहे है और कुछ लोग ऐसे हैं जो इस समय पैसा बनाने में लगे हुए हैं बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो आपको वह मांगे दाम पर अब एंबुलेंस भी नहीं देंगे आजकल 5 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए भी एंबुलेंस वाला 10 से ₹15000 मांग रहा है श्मशान में जाएंगे तो लकड़ी पर भी कालाबाजारी हो रही है बाजारों में दवाइयों पर कालाबाजारी हो रही है हर चीज में कालाबाजारी है ऑक्सीजन में कालाबाजारी हो रही है और यह सब बाहर से आए हुए लोग नही कर रहे है हमारे ही देश के आपके और हमारे बीच में रहने वाले लोग वह लोग कालाबाजारी कर रहे हैं हमें हमारी जान पर खेलकर।
सोशल मीडिया पर पहले इस तरह के कई मैसेजेस वायरल हुए की भाप लेने से कोरोना वायरस नहीं होता और जब लोगों ने इन मैसेजेस पर यकीन कर लिया तो जो स्टीमर स्टीम लेने का जो उपकरण होता है वह कल तक बाजारों में ढाई सौ से ₹300 में मिल रहा था अब यही स्टीम लेने का जो डिवाइस है ₹800 से हजारों रुपए में भी नहीं मिल रहा है क्योंकि इसकी डिमांड बढ़ गई है हमारा देश कैसा है आज अगर कोई यह कह दे कि प्याज आलू खाने से भी को रोना नहीं होता तो लोग यह सब्जियां भी यह सामान भी खरीदने के लिए बाजारों में निकल पड़े इसलिए आज हमारे लिए समझना जरूरी है कि आपको क्या करना है और क्या नहीं सबसे पहले आपको बताते हैं कि संक्रमण से बचने के लिए भाप लेना सही है या गलत है
कई शोध ऐसे हैं जिनमें भाप लेने के फायदे का जिक्र मिलता है दी जनरल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन की एक स्टडी कहती है कि स्टीम थेरेपी पानी भाप लेने से हमारी नाक और गले में जमा म्यूकस पतला हो जाता है म्युकश से ही कफ बनता है बलगम बनता है इसलिए भाप लेने की सलाह डॉक्टर आपको देते हैं कई डॉक्टरों का मानना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण में भाप लेने से कुछ फायदा हो सकता है क्योंकि इससे सांस लेने की नली जो आपकी होती है वह खुल जाती है और जैसा होता है तो हम शायद ज्यादा बेहतर तरीके से सांस ले पाते हैं और इससे पर्याप्त हमारे शरीर को ऑक्सीजन मिलती है लेकिन इसमें समझने वाली बात है वह यह कि भाप लेने से कभी भी कोरोना वायरस खत्म नहीं होता जो व्यक्ति भाप ले रहा है उसे संक्रमण हो सकता है और जो व्यक्ति संक्रमित हैं वह भी भाप लेने से ठीक नहीं हो सकता यह बात आपको याद रखने की जरूरत है की भाप लेने से सांस लेने की नली खुल जाती है लेकिन इससे वायरस नहीं मरता और जब ये नली खुलती है तो आपको बेहतर महसूस होता है
अगर आप गर्म पानी में दवाई घुलती है तो आपको बेहतर महसूस होता है महत्वपूर्ण बात यह भी है कि भाप लेने का असर ज्यादा देर तक नहीं रहता अगर आप गर्म पानी में दवाई या हब्स डाल कर भाप लेते हैं और इसके ठीक बाद एयर कंडीशनर की हवा में बैठ जाते हैं या ठंडा पानी पी लेते हैं इसका आप के ऊपर कोई असर नहीं होगा बल्कि इससे आपको नुकसान भी हो सकता है आप भाप ले सकते हैं इससे आप संक्रमित नहीं होंगे यह सोचना गलत है
क्योंकि भाप लेने के बाद भी आपको कोरोना का संक्रमण हो सकता है अब आप सोच रहे होंगे डॉक्टर आपको भाप लेने की सलाह क्यों देते हैं क्योंकि लगभग सारे डॉक्टर कह रहे हैं कि भाप लीजिए तो ऐसा डॉक्टर इसलिए कहते हैं क्योंकि कोरोना वायरस पर प्रहार करता है और इससे मरीज को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है कि मरीज को कुछ देर के लिए राहत मिलती है सही तरह से सांस ले पाता है लेकिन वायरस तब भी शरीर में बना रहता है लेकिन सांस लेने में आपको आसानी होने लगती है आपको रिलीफ मिलता है इसका मतलब यह नहीं कि आप दिन में 4 बार या पांच बार स्कीम थेरेपी लेने लगे ज्यादातर डॉक्टरों की यही राय है की दिन में दो बार भाप लेनी चाहिए अमेरिकन लंग एसोसिएशन से जुड़े लोग कहते हैं कि ज्यादा भाप लेने से भी नुकसान हो सकता है क्योंकि हमारे लंग्स नाजुक होते हैं ऐसे में बार-बार गर्म भाप लेने से आप के फेफड़ों और सांस लेने की नली को नुकसान पहुंच सकता है इसके अलावा ज्यादा भाप लेने से गले के अंदर के भाग में दिक्कत हो सकती हैं और इससे गले में सूजन भी हो सकती है ऐसी स्थिति में किसी भी व्यक्ति को खाना खाने में और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है और लेने के देने पड़ सकते हैं इसलिए आपको सावधानी रखनी चाहिए लेकिन साथ ही यह भी याद रखना चाहिए कि भाप लेने से वायरस नहीं मरता भाप लेने के लिए स्टीमर होना जरूरी नहीं है अगर बाजार में कुछ लोग आपकी मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं 100 या 250 रू के ऊंची कीमत पर बेच रहे हैं तो आप अपने घर में ही चौड़े मुंह के किसी भी बर्तन के जरिए भाप ले सकते है आपको जरूरी नहीं कि आप बाजार से लेकर आए।
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