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क्या ये वाइट फंगस सच में ब्लैक फंगस से ज्यादा खतरनाक है ? वाइट फंगस कैसे होता है इससे कैसे बचें

कोरोना महामारी के बीच इस समय ब्लैक फंगस में सबके बीच में नई दहशत फैला दी इसके चलते मरीजों को देखते हुए केंद्र सरकार ने की ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दें कई राज्यों में ऐसा कर भी दिया
लेकिन इसी बीच एक नए तरह का इन्फेक्शन देखने को मिल रहा है इसे वाइट फंगस कहा जा रहा है क्या है इसके लक्षण इसके कुछ बिहार यूपी में दिखे हैं

आइए जानते हैं क्या है वाइट फंगस और इसका इलाज कैसे कराया जा सकता है।
बिहार की राजधानी पटना में 1920 और 21 मई को वाइट फंगस के 4 मरीजों की सूचना मिली इसी बीच यूपी में बनारस में 70 साल के एक मरीज को ये बीमारी  देखने को मिली यूपी में वाइट फंगस का यह पहला केस मिला है इस मरीज को पिछले महीने कोरोना हुआ था और इलाज के लिए उसे दिल्ली लाया गया था ठीक होने के बाद 30 अप्रैल को वह अपने घर उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में चला गया था और कुछ दिन बाद ही उसकी आंख में परेशानी हुई उसे देखने में दिक्कत आने लगी और उसकी आंख में पानी आने लगा और उसे दर्द भी महसूस होने लगा था और इलाज के लिए फिर वह एक बनारस के अस्पताल में पहुंचा और वहां के डॉक्टरों ने उसका इलाज किया और इलाज में पता चला है कि इस मरीज को वाइट फंगस है फिर डॉक्टर ने इसकी पुष्टि कर दी और यह उत्तर प्रदेश में पहला केस है वहां के डॉक्टर छितिज ने इंडिया टुडे को बताया कि मरीज को कोरोना होने के बाद लगातार स्टेरॉइड पर रखा गया था डिस्चार्ज होने के कुछ दिन बाद से ही उसे कम दिखने और आंख में पानी बहने की शिकायत हो रही थी जब मेरे पास राकेश आया तो मुझे याद खून से आंख में पहुंचा हुआ इंनफेक्शन लगा हमने जांच कराई पता चला कि इस मरीज को वाइट फंगस है जिसने भी कोरोना के बाद हाल ही में स्टेरॉयड लिया हो या डायबिटीज का पेशेंट हो उसे आंख में किसी भी तरीके की दिक्कत होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए वरना यह बाद में बहुत ही जोखिम भरा हो सकता है बिहार के पटना मेडिकल कॉलेज में म्यूकोरमाइकोसिस बायोलॉजी के हेड डॉक्टर एसएन सिंह ने बताया बिहार में वाइट फंगस के केस और भी बढ़ सकते हैं डॉक्टर सिंह के अनुसार कमजोर लोग और प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग डायबिटीज एड्स और किडनी के पेशेंट और हेयर ट्रांसप्लांट कराने वालों में यह बहुत ही ज्यादा खतरा है कोरोना में इलाज के दौरान ऑक्सीजन लेते वक्त लापरवाही बिल्कुल भी नहीं रखना चाहिए क्योंकि अगर लापरवाही बरतेंगे तो वाइट फंगस इससे भी आ सकता है
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 डॉक्टर एसएन सिंह ने कहा 

लोग अक्सर ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ जोह्यूमिडीफायर लगाते हैं उसमें नल का साधारण पानी भर लेते हैं इस तरह के पानी से ऑक्सीजन देने पर मरीज को वाइट फंगस हो सकता है।

वाइटफंगस का एक मरीज खुद ही डॉक्टर है कोरोना जैसे लक्षण दिखने के बाद उसने टेस्ट कराया वह कोरोना निगेटिव निकला लेकिन उसे चेस्ट में इंफेक्शन महसूस हो रहा था हमने उसके कुछ टेस्ट किए और हमे वाइट फंगस मिला ।

वाइट फंगस शरीर के किसी भी हिस्से में फैल सकता है जिसमें आंख फेफड़े ,नाक ,कान मस्तिष्क ,नाखून ,स्किन, प्राइवेट पार्ट ,और किडनी भी शामिल है।

AIIMS रांची के माइक्रोबायोलॉजिस्ट डिपार्टमेंट के हेड डॉक्टर मनोज कुमार ने बताया की फंगस अलग-अलग रंग का होता है हर फंगस वातावरण में मौजूद है जैसे ही शरीर कमजोर होता है फंगस इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है हम जिसे वाइट फंगस कह रहे हैं असल में या एक्सप्रेस है और कैंडिडा है या fungas एक परिवार है जो शरीर के विभिन्न अंगों पर उग आता है सिर्फ महिलाओं में प्राइवेट पार्ट में या ज्यादा पाया जाता है ऐसा नहीं है कि यह बीमारी कोई नहीं है यह पहले भी लोगों को होता रहा है लेकिन केस बहुत कम आते थे अब करोना  में स्टेरॉयड के इस्तेमाल से केस बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं इसका corona infection से कुछ भी लेना देना नही है।

पटेल चेस्ट institute  नई दिल्ली के डायरेक्टर dr.Rajkumar ने बताया की ब्लैक फंगस और वाइट फंगस वातावरण में हमेशा मौजूद रहेगा इन्हे  हम मौकापरस्त फंगस इंफेक्शन की तरह समझ सकते है हम सांस के जरिए वातावरण में मौजूद फंगस  इंफेक्शन शरीर के भीतर ले जाते है लेकिन शरीर के रोगों से लड़ने की क्षमता उन्हें पनपने नहीं देती है corona के मरीजों में रोग प्रतिरोधक क्षमता गिरने से फंगस इंफेक्शन का अटैक होता है यह कोई नई बात नही है बस corona में ऐसे keso की संख्या बड़ने से लोग डरे हुए है ब्लैक फंगस तो काफी खतरनाक है लेकिन लेकिन वाइट फंगस से किसी की जान गई हो ऐसा अभी सुनने में नही आया है  corona से सही हो रहे मरीजों को बस यही सलाह है की शरीर के किसी भी हिस्से में अगर दिक्कत हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे  क्योंकि  फंगस का इलाज डॉक्टर दवाइयों और एंटीफंगल इंजेक्शन के द्वारा ही कर रहे है अभी तक जो मरीज वाइट fungas के मरीज मिले है उनकी हालत अब ठीक है किसी की भी जान नही गई है डॉक्टर का कहना है की किसी भी बीमारी का पता जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से संपर्क करने पर उतनी जल्दी ही उसे ठीक किया जा सकता है।

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