क्या कोई यकीन कर सकता है कि बिना किसी टेक्निकल ज्ञान के कोई ऐप डिजाइन कर ले राजस्थान के एक स्कूल में गणित पढ़ाने वाले शिक्षक जिनका नाम इमरान खान है उन्होंने इस असंभव को संभव कर दिखाया है उन्होंने एजुकेशन आधारित कुछ ऐसे ऐप डिजाइन किए और छात्रों की पढ़ाई में मददगार साबित हो रहे हैं आज वह एजुकेशन आधारित फ्री एप बनाकर छात्र के बीच काफी मशहूर भी हो गए है
ऐसे सफर शुरू हुआ
दोस्तों इमरान खान राजस्थान के अलवर जिले के एक सरकारी स्कूल में गणित के शिक्षक है लेकिन वह चाहते थे कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है बच्चों के लिए ऐसा बनाएं जिसमें सामान्य ज्ञान की जानकारी और इसके माध्यम से वे चाहते थे कि आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को कम खर्च में अच्छी शिक्षा मिले और वह भी आसान तरीके से वह कहते हैं मुझे एजुकेशन ऐप्स बनाने की प्रेरणा उन छात्रों को देखकर ही मिले जिनको गणित और साइन जैसे विषय कठिन लगते थे लेकिन स्मार्टफोन जैसे उपकरण काफी आसानी से चला लेते थे इस कारण मैंने आसान तरीके से उन बच्चों को मोबाइल ऐप के जरिए पढ़ाने के बारे में सोचा इसकी शुरुआत साधारण जिज्ञासा से हुई मेरे छोटे भाई ने जो B.tech की पढ़ाई कर रहा था अपनी कंप्यूटर साइंस की किताब घर पर छोड़ गया जिसे मैंने ले लिया यहीं पर ईमेल पर मेरा ज्ञान और मैंने 2005 में अपनी वेबसाइट जी talk डॉट कॉम और अपना एप्स लांच किया छात्रों के लिए और भी हिंदी ऐप की काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली छात्रों की प्रतिक्रिया हिंदी में ऐप्स चाहिए ऐप्स खासतौर पर उन छात्रों के लिए मददगार है जो हिंदी माध्यम के हैं इस तरह इमरान एक शिक्षित वर्ग के माध्यम से प्रोग्राम की और अपने भाई द्वारा छोड़ी गई किताबों से ज्ञान अर्जित किया उन्होंने इस ज्ञान से अब तक 100 से अधिक वेबसाइट बनाई जो इतिहास सामान्य ज्ञान रसायन विज्ञान अंग्रेजी हिंदी जैसे विषयों पर आधारित है उनका एक ऐप जनरल साइंस 500000 से भी ज्यादा बार डाउनलोड हो चुका उनके इस प्रयास को भारत सरकार ने भी प्रोत्साहित किया है अगर हर जगह इमरान खान जैसे अध्यापक मिल जाए तो देश की हालत बदल जाए शिक्षा के क्षेत्र में ऐसी लहर आ जायेगी
की कोई भी शिक्षा पाने के लिए मोहताज नहीं रहेगा ।
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