दयानंद शिक्षण संस्थान के सचिव डॉ. नागेंद्र स्वरूप के निधन से शिक्षा जगत को बहोत बड़ी क्षति पहुंची।

दयानंद शिक्षण समूह के सचिव व शिक्षाविद डॉ नागेंद्र स्वरूप के निधन से शिक्षा जगत को बड़ी क्षति हुई है कानपुर समेत आसपास के जिलों और देहरादून तक 27 कॉलेजों का प्रबंधन और नेतृत्व की जिम्मेदारी संभाल कर रखी थी।

शिक्षा की अलख जगाने वाले स्वरूप परिवार का एक और चिराग बुझ गया देश में आजादी के बाद से स्वरूप परिवार के प्रयासों से शहर ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों तक दयानंद एंग्लो वैदिक शिक्षण संस्थान से शिक्षा के उजियारा फैल रहा है शिक्षाविद एवं दयानंद एंग्लो वैदिक शिक्षण समूह के सचिव डॉ नागेंद्र के निधन के शहर में शिक्षा के बढ़ते कारवां को एक झटका लगा है
वह शहर में डीएवी ,दयानंद गर्ल्स कॉलेज ,डीबीएस का महिला महाविद्यालय समेत कई कार्य समिति लखनऊ उन्नाव बछरावां रायबरेली और देहरादून में संचालित 27 कॉलेजों की बागडोर संभाल कर रखी थी इसके अलावा उन्होंने शहर को निजी शिक्षा के क्षेत्र में डॉ वीरेंद्र स्वरुप एजुकेशन सेंटर की शुरुआत करके स्थापित किया शहर के विभिन्न हिस्सों में इनका नाम चलता है इनसे जुड़े  शिक्षकों और परिचितों के निधन की जानकारी मिली तो अश्रुपूरित नेत्रों से कुछ इस तरह यादें साझा की।
पिता के नाम से स्थापित किए हैं बहुत ढेर सारे स्कूल एवं महाविद्यालय
भूगोल विभाग अध्यक्ष डॉक्टर जी एल श्रीवास्तव बताते हैं कि 1 शिक्षकों कर्मचारियों का काम पलक झपकते ही कर दिया करते थे एनओसी पेंशन व फंड जैसे कार्यों के लिए वह तुरंत संबंधित पेपर में हस्ताक्षर कर दिया करते थे फिर वह चाहे कितनी भी व्यस्त हो उच्च शिक्षण संस्थानों के संचालन के अलावा उन्होंने पिता डॉ वीरेंद्र स्वरूप के नाम से कई स्कूलों की स्थापना की है वह रोज सुबह 8:00 बजे से कॉलेज पर 4 शिक्षक व कर्मचारियों की समस्या सुनते थे 1 दिन भी ऐसा नहीं होता जब वह उनके लिए अपने आवास पर बैठे अगर किसी को कोई समस्या होती तो उसके समाधान के लिए आगे आते हैं।
राष्ट्रपति व राज्यपाल को किया आमंत्रित
डीएवी डिग्री कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ एन एन वर्मा ने बताया कि हर छोटे-बड़े आयोजन को लेकर बेहद उत्साहित रहते थे वह या नहीं सोचते थे कि इंतजाम कैसे होगा अगर उनके पास कोई भी शिक्षक किसी कार्यक्रम का प्रस्ताव लेकर पहुंचा तो कहते कि आप इसकी रूपरेखा तैयार कीजिए इंतजाम में कर लूंगा डीएवी डिग्री कॉलेज के 100 वर्ष पूरे होने पर फरवरी 2019 में उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को आमंत्रित किया था इससे पहले दिसंबर 2015 में उन्होंने राज्यपाल राम नाईक को भी आमंत्रित किया था।
शहर में इनकी अस्टू बाबू के नाम से थी पहचान।

कानपुर में प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा क्षेत्र  में स्वरूप परिवार बहुत ही जानी-मानी हस्ती है स्वरूप परिवार का हिस्सा रहे Nagendra Swarup की पहचान अस्टू बाबू के नाम से थी उनके दो भाई जगेंद्र स्वरूप और रागेंद्र स्वरूप थे जिनका निधन हो चुका है जागेंद्र स्वरूप लगातार कई बार एमएलसी रहे थे और रागेंद्र स्वरूप कांग्रेसी नेता और समाजसेवी थे भाइयों के निधन के बाद से नागेंद्र स्वरूप की सचिव पद पर रहकर दयानंद एंग्लो वैदिक शिक्षण संस्थान की गतिविधियों का संचालन कर रहे थे जो कि डीएवी के नाम से प्रसिद्ध है।

इसके अलावा निजी स्कूलिंग में भी डॉ वीरेंद्र स्वरूप एजुकेशन सेंटर के फाउंडर भी रहे है उनके निधन से शिक्षा जगत में शोक की लहर छा गई है उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए लोगों की सुबह से तांता लगना शुरू हो गया है शहर भर प्रमुख लोग और दयानंद शिक्षण संस्थान से जुड़े कॉलेज प्राचार्य और शिक्षक बंगले पर पहुंच रहे हैं बेटे गौरवेंद्र स्वरूप ने बताया कि पिता का अंतिम संस्कार भैरव घाट पर दोपहर 1:30 से 2:00 के बीच होगा उनके बेटे ने बताया कि नागेंद्र स्वरूप पिछले काफी दिनों से बीमार थे वह पहले कोरोना से संक्रमित हुए थे और फिर रिपोर्ट नेगेटिव होने पर स्वस्थ हो गए थे लेकिन फिर तबीयत खराब होने पर घर वालों ने सर्वोदय नगर स्थित रीजेंसी हॉस्पिटल में भर्ती कराया था कुछ समय तक वेंटिलेटर पर भी रखा गया था और फिर स्वास्थ्य सुधार हो गया था रविवार सुबह अचानक हालत स्थिर होने के बाद करीब 4:00 बजे अंतिम सांस ली उनके निधन की खबर से शोक की लहर दौड़ गई उनका पार्थिव शरीर सिविल लाइंस स्थित बंगले के ले जाया गया।
फरवरी माह में श्री राम जन्म भूमि मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान के दौरान विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र  के महामंत्री चंपत राय को 1100000 रुपए की चेक स्वरूप परिवार की ओर से सौंपी थी।

छात्राओं के लिए कानपुर शहर में इनका सबसे प्रसिद्ध डिग्री कॉलेज दयानंद गर्ल्स कॉलेज बहुत ही प्रचलित था आसपास के जिलों में पूर्वांचल में भी इनका यह कॉलेज बहुत ही प्रचलित था आसपास के बच्चे वहां से यहां पर पढ़ने आते थे और सिविल लाइंस स्थित इनके गर्ल्स कॉलेज का हॉस्टल भी था जहां पर छात्रों के रहने के लिए विशेष सुविधाएं उन्होंने प्रदान कराई थी । इनके जितने भी हैं विरेंद्र स्वरूप एजुकेशन सेंटर थे यह 1 तरीके  से बहुत ही बड़े नामचीन में इनके  कॉलेज चलते है शहर की बड़ी-बड़ी हस्तियों के बच्चे  इनके कॉलेजों व स्कूलों में पढ़ने जाते है।

प्रसिद्धि स्कूल दिल्ली पब्लिक स्कूल को भी इनके विरेंद्र स्वरूप एजुकेशन सेंटर मात दे देते थे।

""लेकिन यह बहुत ही अफसोस की बात है यह शिक्षा जगत का उजियारा हम लोगों के बीच में आज से बिल्कुल ही गायब हो गया"""

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